समाजवादी पार्टीभारत का एक प्रमुख राजनैतिक दल है। यह भारतीय राज्य उत्तर प्रदेश में सक्रिय है। यह ४ अक्टूबर १९९२ को स्थापित किया गया था। समाजवादी पार्टी के संस्थापक व संरक्षक स्वर्गीय मुलायम सिंह यादव, उत्तर प्रदेश के तीन बार मुख्यमंत्री और देश के पूर्व रक्षा मंत्री रह चुके हैं। उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव वर्तमान में इस दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं।
लोकसभा चुनाव 2009 में तत्कालीन सपा अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव ने लोजपा अध्यक्ष रामविलास पासवान और राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव के साथ उत्तर प्रदेश एवं बिहार की सभी 120 लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ने के लिए ऐतिहासिक गठबन्धन करते हुए चौथा मोर्चा बनाने का प्रयास किया। उस समय इस मोर्चे के पास लोकसभा में 64 सांसदों की संख्या थी। इस गठबन्धन के तहत उत्तर प्रदेश की सभी 80 सीटों पर सपा एवं बिहार की 40 सीटों में से 28 पर राजद तथा शेष 12 सीटों पर लोजपा ने उम्मीदवार उतारे।[9]
आशा के विपरीत यह मोर्चा अपेक्षाकृत प्रदर्शन करने में विफल रहा तथा 120 में से केवल 28 पर ही जीत सका। लोक जनशक्ति पार्टी को एक भी सीट पर जीत नहीं मिली।
लोकसभा चुनाव 2019 में उत्तर प्रदेश में भाजपा को परास्त करने के उद्देश्य से सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने अप्रत्याशित रूप से अपने चिरप्रतिद्वंद्वी बसपा प्रमुख मायावती के साथ ऐतिहासिक रूप से गठबंधन करके सबको चौंका दिया। बाद में अजीत सिंह नीत राष्ट्रीय लोक दल के साथ आ जाने पर सबके द्वारा इसे महागठबंधन का नाम दिया गया।[10] इस गठबंधन के तहत उत्तर प्रदेश की 80 लोकसभा सीटों में से बसपा ने 38, सपा ने 37 तथा रालोद ने 3 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारने का फैसला किया एवं दो सीटें (रायबरेली व अमेठी) सर्वसम्मति से कांग्रेस के लिए छोड़ दी गईं।[11]
आशा के विपरीत यह ऐतिहासिक गठबंधन यूपी में भाजपा को अधिक नुकसान नहीं पहुंचा सका तथा केवल 15 सीटों पर ही सिमट कर रह गया जिसमें बसपा को 10 व सपा को 5 सीटों पर संतोष करना पड़ा, रालोद का खाता भी नहीं खुला। चुनावों के बाद सुश्री मायावती ने यह गठबंधन भी भंग कर दिया।[12]